भारत 24 न्यूज़:
मध्यप्रदेश के सिवनी जिले से एक बड़ी खबर सामने आई है। प्रीतम डहेरिया, जो खुद को सामाजिक कार्यकर्ता और नेता बताते थे, के खिलाफ CBI जांच में बड़े खुलासे हुए हैं। डहेरिया को भू-माफिया घोषित करते हुए उनकी 14 करोड़ रुपये से अधिक की संपत्ति कुर्क कर ली गई है। इसके अलावा, उनके नई दिल्ली, भोपाल, और इंदौर में स्थित निवास स्थानों को सीज करने की संभावना जताई गई है।
CBI जांच के चौंकाने वाले खुलासे
CBI जांच में पाया गया कि प्रीतम डहेरिया ने आदिवासियों की जमीनों को बेहद सस्ते दामों पर खरीदकर और सरकारी जमीनों पर अवैध कब्जा करके करोड़ों रुपये की संपत्ति बनाई।
सिवनी के बंडोल क्षेत्र में 5 एकड़ जमीन, जिसमें सरकारी भूमि भी शामिल थी, पर कब्जा किया गया।
नरेला टिकरी में 8 एकड़ जमीन, जिसकी बाजार कीमत 8 करोड़ रुपये से अधिक है, पर भी अवैध कब्जा किया गया।
चंदन के पेड़ों का अवैध प्लांटेशन
CBI ने खुलासा किया कि डहेरिया ने 2 एकड़ जमीन पर चंदन के पेड़ों का अवैध प्लांटेशन करवाया, जिसकी कीमत लगभग 2 करोड़ रुपये आंकी गई है।
इसके अलावा, कई संपत्तियां केवल फर्जी एग्रीमेंट के जरिए उनके नाम पर दर्ज थीं।
सभी संपत्तियों को अब अवैध घोषित कर कुर्क कर लिया गया है।
86 आपराधिक मामले और राजनीतिक पहुंच
CBI जांच में यह भी सामने आया कि प्रीतम डहेरिया के खिलाफ हत्या के प्रयास, किडनैपिंग, रंगदारी, और पुलिस थाने व SP ऑफिस में तोड़फोड़ जैसे 86 आपराधिक मामले दर्ज थे।
डहेरिया ने अपनी राजनीतिक पहुंच और धनबल का इस्तेमाल करते हुए इन मामलों को खत्म करवा लिया था।
यह भी सामने आया कि डहेरिया ने राजनीतिक संरक्षण का फायदा उठाकर अपने अपराधों को अंजाम दिया।
सुप्रीम कोर्ट का कड़ा फैसला
CBI जांच के आधार पर सुप्रीम कोर्ट ने डहेरिया को दोषी ठहराया और उनकी संपत्ति कुर्क करने के आदेश दिए।
कोर्ट ने उनके नई दिल्ली, भोपाल और इंदौर में स्थित निवास स्थानों को सीज करने की संभावना जताई है।
अदालत ने चेतावनी दी है कि यदि डहेरिया भविष्य में किसी अपराध में लिप्त पाए जाते हैं, तो उनके खिलाफ तत्काल सख्त कार्रवाई की जाए।
संपत्तियों की सूची:
1. सिवनी के बंडोल में 5 एकड़ जमीन।
2. नरेला टिकरी में 8 एकड़ जमीन।
3. 2 एकड़ जमीन पर चंदन के पेड़ों का प्लांटेशन।
4. नई दिल्ली, भोपाल और इंदौर में आलीशान मकान।
भू-माफिया के खिलाफ सबसे बड़ी कार्रवाई
CBI की इस जांच को भू-माफिया के खिलाफ अब तक की सबसे बड़ी कार्रवाई माना जा रहा है।
प्रशासन ने संकेत दिया है कि अवैध कब्जों और भ्रष्टाचार में लिप्त लोगों के खिलाफ यह अभियान आगे भी जारी रहेगा।
राजनीतिक और सामाजिक हलचल
प्रीतम डहेरिया की राजनीतिक पहुंच और उनके संरक्षण ने इस मामले को और भी पेचीदा बना दिया है।
सवाल यह है कि क्या डहेरिया अकेले इन अवैध गतिविधियों के लिए जिम्मेदार थे, या इसमें और भी बड़े नाम शामिल हैं?
भारत 24 न्यूज़ इस हाई-प्रोफाइल मामले की हर नई जानकारी आप तक सबसे पहले पहुंचाएगा।